जो 'एक चीड़ का खाका' नामक खण्ड के अन्तर्गत है, जापानी कविताओं के अनुवाद हैं/ मूल कवि के नाम अंत में दिये गए है/ जहाँ ये अनुवाद न होकर केवल छायानुवाद रह गए है, वहाँ कारण इस लेखक की मौलिकता नहीं है बल्कि उसकी असमर्थता ही; जापानी भाषा न जानने से वह मूल पाठ रोमन में पढ़ कर भी उसे समझने से वंचित रहा और अंग्रेज़ी अनुवादों, या जापानी बन्धुओं द्वारा की गयी व्याख्याओं पर ही निर्भर रहा