शारीरिक श्रम के अभाव, मानसिक तनाव, नकारात्मक चिन्तन, असंतुलित जीवन शैल翻訳 - शारीरिक श्रम के अभाव, मानसिक तनाव, नकारात्मक चिन्तन, असंतुलित जीवन शैल日本語言う方法

शारीरिक श्रम के अभाव, मानसिक तनाव,

शारीरिक श्रम के अभाव, मानसिक तनाव, नकारात्मक चिन्तन, असंतुलित जीवन शैली, विरुद्ध आहार व प्रकृति के बिगड़ते संतुलन के कारण विश्व में कैंसर, ह्रदयरोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप व मोटापा आदि रोगों का आतंक सा मचा हुआ है। प्रकृति हमारी माँ, जननी है। हमारी समस्त विकृतियों की समाधान हमारे ही आस-पास की प्रकृति में विद्यमान है, परन्तु सम्यक ज्ञान के अभाव में हम अपने आस-पास विद्यमान इन आयुर्वेद की जीवन दायिनी जड़ी-बूटियों से पूरा लाभ नहीं उठा पाते। श्रद्धेय आचार्य श्री बालकृष्ण जी ने वर्षों तक कठोर तप, साधना व संघर्ष करके हिमालय की दुर्गम पहाड़ियों एवं जंगलो में भ्रमण करते हुए जड़ी बूटियों के दुर्लभ चित्रों का संकलन तथा अनेक प्रयोगों का प्रामाणिक वर्णन किया है। शोध एवं अनुभवों पर आधारित इस पुस्तक में वर्णित जड़ी-बूटियों के ज्ञान व प्रयोग से मानव मात्र लाभान्वित थे तथा करोड़ों वर्ष पुरानी आयुर्वेद की विशुद्ध परम्परा का सार्थक प्रचार-प्रसार हो इन्हीं मंगल कामनाओं के साथ आयुर्वेद के महान् मनीषी आचार्य श्री बालकृष्ण जी को वैदिक परम्पराओं की प्रशस्थ सेवाओं के लिए कोटिशः साधुवाद
आमुख

भारत में औषधीय पौधों की जानकारी वैदिक काल से ही परम्परागत अक्षुण्य चली आई है। अथर्ववेद मुख्य रूप से आयुर्वेद का सबसे प्राचीन उद्गम स्त्रोत है। भारत में ऋषि-मुनि अधिकतर जंगलों में स्थापित आश्रमों व गुरुकुलों में ही निवास करते थे और वहाँ रहकर जड़ी-बूटियों का अनुसंधान व उपयोग निरन्तर करते रहते थे। इसमें इनके सहभागी होते थे पशु चराने वाले ग्वाले। ये जगह-जगह से ताजी वनौषधियों को एकत्र करते थे और इनमें निर्मित औषधियों से जन-जन की चिकित्सा की जाती थी। इनका प्रभाव भी चमत्कारिक होता था क्योंकि इनकी शुद्धता, ताजगी एवम् सही पहचान से ही इसे ग्रहण किया जा सकता है। परिणामस्वरूप जनमानस पर इसका इतना गहरा प्रभाव हुआ कि कालान्तर में आयुर्वेद का विकास व परिवर्धन करने वाले मनीषी जैसे धन्वंतरि, चरक, सुश्रुत आदि अनेकों महापुरुषों के अथक प्रयास से विश्व की प्रथम चिकित्सा पद्धति प्रचलन में आई एवं शीघ्र ही प्रगति शिखर पर पहुँच गई। उस समय अन्य कोई भी चिकित्सा पद्धति इसकी प्रतिस्पर्धा में नहीं होने का अनुमान सुगमता से हो सकता है। शल्य चिकित्सक सुश्रुत अथवा अन्य कई ऐसे उल्लेख वेदों में मिलते हैं जिससे ज्ञात होता है कृतिम अंग व्यवस्था भी उस समय प्रचलित थी। भारत से यह चिकित्सा पद्धति पश्चिम में यवन देशों चीन, तिब्बत, श्रीलंका बर्मा (म्यांमार) आदि देशों से अपनायी गयी तथा काल व परिस्थिति के अनुसार इसमें परिवर्तन हुये और आगे भी प्रगति होकर नयी चिकित्सा पद्धतियों का प्रचार एवं प्रसार हुआ।

भारत में आयुर्वेदिक चिकित्सा का जनमानस पर इतना गहरा प्रभाव पड़ा कि यवन व अंग्रेज शासन काल में भी लोग इसमें विश्वास खो नहीं सके जबकि शासन की ओर से इस पद्धति को नकारात्मक दृष्टि से ही संघर्षरत रहना पड़ा। भारत के सुदूरवर्ती ग्रामीण अंचल में तो लोग केवल जड़ी-बूटियों पर ही मुख्यतः आश्रित रहते रहे। उन्हें यूनानी व एलोपैथिक चिकित्सा पद्धतियों का लाभ प्राप्त होना सम्भव नहीं हो सका क्योंकि ये ग्रामीण अंचल में कम ही प्रसारित हो पाये। आज भी भारत के ग्रामीण जन मानस पटल पर इन जड़ी-बूटियों में ही दृढ़ विश्वास आदिवासी क्षेत्रों में अभी भी पाया जाता है लेकिन इसे सुरक्षित करने के उपाय अभी भी संतोषजनक नहीं हैं। परन्तु ऐसा प्रतीत हो रहा है कि साधारण जनता आज भी ऐलोपैथिक चिकित्सा से पूरी तरह आश्वस्त नहीं है। किसी बीमारी की चिकित्सा के लिये जो दवाइयां खाई जाती हैं उसमें आंशिक लाभ तो हो जाता है किन्तु एक अन्य बीमारी का उदय हो जाता है। जड़ी-बूटियों से इस प्रकार के दुष्परिणाम कभी ही प्रकट नहीं होते हैं, इसके अतिरिक्त दवाइयों व चिकित्सा के खर्च का बोझ भी बढ़ता जा रहा है। साधारण बीमारियों के इलाज में भी खर्चा बढ़ रहा है जबकि जड़ी-बूटी चिकित्सा में बहुत कम व्यय में चिकित्सा हो सकती हैं मुख्यतः साधारण रोगों जैसे सर्दी-जुकाम, खांसी, पेट रोग, सिर दर्द, चर्म रोग आदि में आस-पास होने वाले पेड़-पौधों व जड़ियों से अति शीघ्र लाभ हो जाता है और खर्च भी कम होता है। ऐसे परिस्थितियों में जड़ी-बूटी की जानकारी का महत्व अधिक हो जाता है इसके अतिरिक्त लोग दवाइयों में धोखाधड़ी, चिकित्सकों के व्यवहार, अनावश्यक परीक्षणों व इनके दुष्परिणामों से खिन्न होते जा रहे हैं।
‘आयुर्वेद जड़ी-बूटी रहस्य’ में आम पाये जाने वाले पौधों की चिकित्सा-सम्बन्धी जानकारी सरल व सुगम ढंग से प्रस्तुत की गई है इसके उपयोग के सरल तरीके भी साथ में दिये गये हैं। जिन्हें रोगानुसार किसी योग्य चिकित्सक की सलाह से उपयोग करके सद्य लाभ प्राप्त किया जा सकता है।

‘आयुर्वेद जड़ी-बूटी रहस्य’ में विभिन्न भाषाओं के नाम के साथ-साथ वानस्पतिक विवरण, रंगदार चित्रों रासायनिक विश्लेषण व आयुर्वेदिक गुणधर्म व सरल घरेलू उपयोग वर्णित हैं। इस तरह की अनेकों पुस्तकों में विशेष त्रुटि यह लक्षित है कि इनकी पहचान में बहुत कठिनाई होती है और यदि कोई वनौषधि किसी विशेष क्षेत्र में ही पाई जाती है तो इसे ग्रहण करने का एक मात्र उपाय जड़ी-बूटी व्यापारी ही है जो इसका औषधिय अंग बेचता है। अतः स्थिति में औषधीय अंग का चित्र लाभदायक हो सकता है इसलिये वास्तविक वनस्पति के चित्र के साथ औषधीय अंग व प्रयोज्य अंग का भी चित्र पुस्तक में दे दिया गया है। औषधि की मात्रा कितनी हो जहां तक सम्भव हुआ दी गई है जहां न हो चिकित्सक की सलाह ले लें। कई औषधीय पौधों में भेद पाये जाते हैं ऐसी स्थिति में अन्य प्रजातियों के चित्र भी दिये गये हैं।
इस पुस्तक की संरचना का संकल्प तो लगभग विगत 6 वर्षों से पूर्व लिया जा चुका था, अति व्यस्तता व पुस्तक को प्रामाणित व सुन्दर बनाने की इच्छा के कारण से लेखा कार्य में विलम्ब तो हुआ परन्तु जो सुन्दरता की कल्पना मन में थी वह निश्चित रूप से अभी अपूर्ण हैं इस पुस्तक के सृजन में जहाँ प्राचीन ऋषियों के ग्रन्थों का आश्रय लिया गया है, वहाँ अर्वाचीन लेखकों का भी भरपूर सहयोग लिया गया है, मैं सभी के प्रति कृतज्ञता प्रकट करता हूँ।
परमात्मा की कृपा से जो आध्यात्म पथ का आलम्ब लिया, तो प.पू. स्वामी रामदेव सदृश ज्येष्ठ भ्राता का सान्निध्य स्नेह व आशीर्वाद अहंर्निश प्राप्त है, यदि जीवन में किंचित मात्र भी शुभ का अनुष्ठान हो पाया तो उस प्रभु का तथा उन ऋषि महर्षियों का आज के युग में योग ऋषि स्वामी रामदेवजी महाराज के आर्शीवाद व कृपा का प्रतिफल का ही परिणाम है अतः मैं सभी के प्रति मात्र कृतज्ञता के पुष्प ही अर्पण कर सकता हूँ।

संग्रहित लेखन सामग्री के सुव्यवस
0/5000
ソース言語: -
ターゲット言語: -
結果 (日本語) 1: [コピー]
コピーしました!
身体運動、精神的ストレス、否定的な思考、がん、糖尿病、高血圧および肥満の遊牧民、病気の恐怖を持っているなどで激動の世界のための自然に反するダイエットをバランス、アンバランスなライフ スタイルの欠如。自然は私たちの母の母。弊社周辺の自然一般的に、私たちの周りの生活支援で既存の知識の有無で私たちのすべてのゆがみ地層ハーブを活かすことはできません。過酷な年がハーブでまれな絵画のコンパイルでアクセスできない山のヒマラヤの恨みを練習尊敬 acharya さんシュリ ・ balkrishn 寺、闘争、忍耐と多くの実験を実証している本物。研究とハーブの知識を使用してこの本に記載されていると人間の経験に基づくし、同じ火星とアーユルヴェーダの高貴な伝播すること古いアーユルヴェーダ伝統実りある年の恩恵を何百万の願い神秘 acharya さんシュリ prashasth ヴェーダの伝統は balkrishn 寺サービス kotishaah sadhuvad導入भारत में औषधीय पौधों की जानकारी वैदिक काल से ही परम्परागत अक्षुण्य चली आई है। अथर्ववेद मुख्य रूप से आयुर्वेद का सबसे प्राचीन उद्गम स्त्रोत है। भारत में ऋषि-मुनि अधिकतर जंगलों में स्थापित आश्रमों व गुरुकुलों में ही निवास करते थे और वहाँ रहकर जड़ी-बूटियों का अनुसंधान व उपयोग निरन्तर करते रहते थे। इसमें इनके सहभागी होते थे पशु चराने वाले ग्वाले। ये जगह-जगह से ताजी वनौषधियों को एकत्र करते थे और इनमें निर्मित औषधियों से जन-जन की चिकित्सा की जाती थी। इनका प्रभाव भी चमत्कारिक होता था क्योंकि इनकी शुद्धता, ताजगी एवम् सही पहचान से ही इसे ग्रहण किया जा सकता है। परिणामस्वरूप जनमानस पर इसका इतना गहरा प्रभाव हुआ कि कालान्तर में आयुर्वेद का विकास व परिवर्धन करने वाले मनीषी जैसे धन्वंतरि, चरक, सुश्रुत आदि अनेकों महापुरुषों के अथक प्रयास से विश्व की प्रथम चिकित्सा पद्धति प्रचलन में आई एवं शीघ्र ही प्रगति शिखर पर पहुँच गई। उस समय अन्य कोई भी चिकित्सा पद्धति इसकी प्रतिस्पर्धा में नहीं होने का अनुमान सुगमता से हो सकता है। शल्य चिकित्सक सुश्रुत अथवा अन्य कई ऐसे उल्लेख वेदों में मिलते हैं जिससे ज्ञात होता है कृतिम अंग व्यवस्था भी उस समय प्रचलित थी। भारत से यह चिकित्सा पद्धति पश्चिम में यवन देशों चीन, तिब्बत, श्रीलंका बर्मा (म्यांमार) आदि देशों से अपनायी गयी तथा काल व परिस्थिति के अनुसार इसमें परिवर्तन हुये और आगे भी प्रगति होकर नयी चिकित्सा पद्धतियों का प्रचार एवं प्रसार हुआ।भारत में आयुर्वेदिक चिकित्सा का जनमानस पर इतना गहरा प्रभाव पड़ा कि यवन व अंग्रेज शासन काल में भी लोग इसमें विश्वास खो नहीं सके जबकि शासन की ओर से इस पद्धति को नकारात्मक दृष्टि से ही संघर्षरत रहना पड़ा। भारत के सुदूरवर्ती ग्रामीण अंचल में तो लोग केवल जड़ी-बूटियों पर ही मुख्यतः आश्रित रहते रहे। उन्हें यूनानी व एलोपैथिक चिकित्सा पद्धतियों का लाभ प्राप्त होना सम्भव नहीं हो सका क्योंकि ये ग्रामीण अंचल में कम ही प्रसारित हो पाये। आज भी भारत के ग्रामीण जन मानस पटल पर इन जड़ी-बूटियों में ही दृढ़ विश्वास आदिवासी क्षेत्रों में अभी भी पाया जाता है लेकिन इसे सुरक्षित करने के उपाय अभी भी संतोषजनक नहीं हैं। परन्तु ऐसा प्रतीत हो रहा है कि साधारण जनता आज भी ऐलोपैथिक चिकित्सा से पूरी तरह आश्वस्त नहीं है। किसी बीमारी की चिकित्सा के लिये जो दवाइयां खाई जाती हैं उसमें आंशिक लाभ तो हो जाता है किन्तु एक अन्य बीमारी का उदय हो जाता है। जड़ी-बूटियों से इस प्रकार के दुष्परिणाम कभी ही प्रकट नहीं होते हैं, इसके अतिरिक्त दवाइयों व चिकित्सा के खर्च का बोझ भी बढ़ता जा रहा है। साधारण बीमारियों के इलाज में भी खर्चा बढ़ रहा है जबकि जड़ी-बूटी चिकित्सा में बहुत कम व्यय में चिकित्सा हो सकती हैं मुख्यतः साधारण रोगों जैसे सर्दी-जुकाम, खांसी, पेट रोग, सिर दर्द, चर्म रोग आदि में आस-पास होने वाले पेड़-पौधों व जड़ियों से अति शीघ्र लाभ हो जाता है और खर्च भी कम होता है। ऐसे परिस्थितियों में जड़ी-बूटी की जानकारी का महत्व अधिक हो जाता है इसके अतिरिक्त लोग दवाइयों में धोखाधड़ी, चिकित्सकों के व्यवहार, अनावश्यक परीक्षणों व इनके दुष्परिणामों से खिन्न होते जा रहे हैं।‘आयुर्वेद जड़ी-बूटी रहस्य’ में आम पाये जाने वाले पौधों की चिकित्सा-सम्बन्धी जानकारी सरल व सुगम ढंग से प्रस्तुत की गई है इसके उपयोग के सरल तरीके भी साथ में दिये गये हैं। जिन्हें रोगानुसार किसी योग्य चिकित्सक की सलाह से उपयोग करके सद्य लाभ प्राप्त किया जा सकता है। ‘आयुर्वेद जड़ी-बूटी रहस्य’ में विभिन्न भाषाओं के नाम के साथ-साथ वानस्पतिक विवरण, रंगदार चित्रों रासायनिक विश्लेषण व आयुर्वेदिक गुणधर्म व सरल घरेलू उपयोग वर्णित हैं। इस तरह की अनेकों पुस्तकों में विशेष त्रुटि यह लक्षित है कि इनकी पहचान में बहुत कठिनाई होती है और यदि कोई वनौषधि किसी विशेष क्षेत्र में ही पाई जाती है तो इसे ग्रहण करने का एक मात्र उपाय जड़ी-बूटी व्यापारी ही है जो इसका औषधिय अंग बेचता है। अतः स्थिति में औषधीय अंग का चित्र लाभदायक हो सकता है इसलिये वास्तविक वनस्पति के चित्र के साथ औषधीय अंग व प्रयोज्य अंग का भी चित्र पुस्तक में दे दिया गया है। औषधि की मात्रा कितनी हो जहां तक सम्भव हुआ दी गई है जहां न हो चिकित्सक की सलाह ले लें। कई औषधीय पौधों में भेद पाये जाते हैं ऐसी स्थिति में अन्य प्रजातियों के चित्र भी दिये गये हैं।इस पुस्तक की संरचना का संकल्प तो लगभग विगत 6 वर्षों से पूर्व लिया जा चुका था, अति व्यस्तता व पुस्तक को प्रामाणित व सुन्दर बनाने की इच्छा के कारण से लेखा कार्य में विलम्ब तो हुआ परन्तु जो सुन्दरता की कल्पना मन में थी वह निश्चित रूप से अभी अपूर्ण हैं इस पुस्तक के सृजन में जहाँ प्राचीन ऋषियों के ग्रन्थों का आश्रय लिया गया है, वहाँ अर्वाचीन लेखकों का भी भरपूर सहयोग लिया गया है, मैं सभी के प्रति कृतज्ञता प्रकट करता हूँ।
परमात्मा की कृपा से जो आध्यात्म पथ का आलम्ब लिया, तो प.पू. स्वामी रामदेव सदृश ज्येष्ठ भ्राता का सान्निध्य स्नेह व आशीर्वाद अहंर्निश प्राप्त है, यदि जीवन में किंचित मात्र भी शुभ का अनुष्ठान हो पाया तो उस प्रभु का तथा उन ऋषि महर्षियों का आज के युग में योग ऋषि स्वामी रामदेवजी महाराज के आर्शीवाद व कृपा का प्रतिफल का ही परिणाम है अतः मैं सभी के प्रति मात्र कृतज्ञता के पुष्प ही अर्पण कर सकता हूँ।

संग्रहित लेखन सामग्री के सुव्यवस
翻訳されて、しばらくお待ちください..
結果 (日本語) 2:[コピー]
コピーしました!
身体運動、感情的ストレス、ネガティブな思考、アンバランスなライフスタイル、食生活、世界の癌に対するバランスを悪化させる性質の欠如は、心血管疾患、糖尿病、高血圧や肥満、および疾患は、パニックのビットを作成しました。私たちの母は母です。私たちの私たちの周りの自然界に存在するすべての歪み、ソリューションが、フルに活用することができアーユルヴェーダハーブDayiniの生活の中で私たちの周りに存在する知識の欠如に起因します。氏アチャリヤBalkrishna智が記載されているハーブや本物の画像の希少なコレクションの多くの用途を発見する闘争で、年間厳しい苦行、瞑想とアクセスできない丘やヒマラヤの森林のために尊敬しました。研究と経験、知識本書に記載のハーブの使用に基づいて、人間が恩恵を受け、これらの欲望は偉大なヴェーダの賢人アチャリヤシュリーバラ智を火曜に何百万年は、アーユルヴェーダの伝統は、純粋にアーユルヴェーダの意味の推進であるし、サービスのためのPrssth伝統Kotisः歓呼
導入薬用植物の伝統的な知識として、ヴェーダ期以降のインドではそのまま移動されます。主にAtharvaアーユルヴェーダは、原点の最も古代の源です。野生に設立され、インドの賢人たちは、ほとんどがアシュラムや神学校に住んでいた、そしてそこに滞在ハーブの研究や使用は中止せずに住んでいました。それは牛の牧畜業者Gwaleパートナーでした。これらの場所及びこれらを製造薬物が塊を治療するために使用された新鮮なVnausdionから収集しました。その純度は、真のアイデンティティと、それは仮定することができるの鮮度ので、効果が奇跡的でした。これは、マスターマインドDnwantri、Charaka、Sushruta、世界初の医療行為の多くの偉大な男性の勇敢な努力が流行にあったように人口増加とアーユルヴェーダの追加で、その結果、時間の経過にそのような深遠な影響を与えた、とすぐに最高峰の進行状況に達しました。その時点で競技中の任意の他の医療行為は滑らかになることはほとんどありません。外科医Sushrutaまたは他のそのような参考文献は、その時点で流行していた人工の手足を手配することが知られているヴェーダで発見されています。国によって採択など、中国、チベット、スリランカ、ビルマ(ミャンマー)、で医療行為に西のインドからMahomendan国とは、時間と状況や新たな医療行為と一層の進展と普及を促進するに従って変更されることがあります。インドのアーユルヴェーダ医学それは、この方法のマイナス側のルール戦ったしなければならなかったの信仰を失うために英国の支配Mahomendanと人々の精神にそのような深遠な影響を与えました。インドの遠隔農村地域の人々は、唯一のハーブが大きく依存しています。ギリシャとアロパシー医学それは農村部で得ることはできなかったので、ほとんど放送されませんでした。今日は、これらのハーブで、インドの農村部の公共精神の有罪判決はまだ部族地域で発見されたが、それを確保するための十分な対策はまだありません。しかし、それは一般大衆がまだアロパシー医学の完全に納得していないであることが見えました。食べられる疾患の治療のための医薬品が、それはその後、部分的な利益が別の疾患の出現であるとなります。ハーブ、このような結果は、医薬品・医療負担も増加しているに加えて、たまにしか表示されません。疾患の治療に移動しながら木の周りに、本 ​​草学医療費等など、主に冷たい、カタルなどのはるかに少ない一般的な疾患、咳、胃障害、頭痛、皮膚病であってもよく、コスト-pudonと非常にすぐにハーブの恩恵を受けるとコストが低いです。このような状況では、情報の重要性は、医師のそれらの不正行為に加えて、漢方薬の以上になる、不要なテストとその結果がイライラしてきている。「アーユルヴェーダハーブの秘密"共通の植物が見つかりましたシンプルでアクセス可能な方法は、その使用に提示された医療情報を簡単な方法で与えられています。資格の医師の助言は、現在の利点を使用することによって得ることができること。Roganusar 異なる言語の名前、着色された写真や化学分析やアーユルヴェーダのプロパティと一緒に「アーユルヴェーダハーブの秘密"植物の説明は、簡単な家庭を用いて記述されています。特定のエラーを対象とした多くの書籍は漢方薬、それが非常に困難にそれらを同定することを可能にするようなものであると、それを受信するためにのみ、特定の地域で発見され、その薬草業者の唯一の尺度である部分を販売していますです。臓器薬用植物薬効成分と本の中で絵と絵の使用可能な部分の実際の画像が指定されているので、それで状況が有益であることができます。可能な限りの医療アドバイスを得るようにしてくださいがある場合、薬剤の量を付与します。多くの薬用植物は、他の種の画像の差分で発見され、また、このような状況にされている。この本の構造の決意は、過去6年ほど前に撮影された先入観や証拠の本や美しくしたいという願望でした監査が原因で想像力の美しさに遅れていたが、彼 ​​は確かにまだ心の中でこの本の作成 ​​を持っていた避難所の古代の賢人の不完全なテキストが撮影されている、Arwachin作家の全面協力がありました、私はすべてのことのための私の感謝の気持ちを表現。神の恵みは、精神的なパスの支点た、HH 長兄、愛情とスワミRamdevの祝福Ahnrnis近接がある、などの場合のみ、やや縁起の良い儀式主の命、およびそのMahrshionセージセージスワミRamdevマハラジの祝福とヨガのリターンの恵みの今日の時代に見られますすべての結果は、私は感謝の単なる花に自分自身を捧げることができます。Suwyvs文具店を










翻訳されて、しばらくお待ちください..
結果 (日本語) 3:[コピー]
コピーしました!
物理的な労働、感情的なストレス、マイナス思考、不均衡な食事療法および生活様式が不足している、癌に対しては、自然のバランスのタブー、糖尿病、 ह्रदयरोग を世界で高血圧との病気の恐怖が作成され、肥満など。 私達は私達の母は、母なる自然。 私達の近隣の自然の中での私達のすべてのゆがみを解決するには、問題が解決しない場合はしかし、アーユルヴェーダに関する適切な知識既存のこれらの私たちの生活を与えてハーブをフル活用していませんが存在しています。 Ven Acharya 氏、バラクリシュナのハード戦争放棄は、年別の草プロダクトおよび多くのを使用して、本格的なの、珍しい写真のコンパイル中に、ヒマラヤのアクセスできないヒルズでの瞑想と苦労しています。 研究とは、この本での経験に基づいて
翻訳されて、しばらくお待ちください..
 
他の言語
翻訳ツールのサポート: アイスランド語, アイルランド語, アゼルバイジャン語, アフリカーンス語, アムハラ語, アラビア語, アルバニア語, アルメニア語, イタリア語, イディッシュ語, イボ語, インドネシア語, ウイグル語, ウェールズ語, ウクライナ語, ウズベク語, ウルドゥ語, エストニア語, エスペラント語, オランダ語, オリヤ語, カザフ語, カタルーニャ語, カンナダ語, ガリシア語, キニヤルワンダ語, キルギス語, ギリシャ語, クメール語, クリンゴン, クルド語, クロアチア語, グジャラト語, コルシカ語, コーサ語, サモア語, ショナ語, シンド語, シンハラ語, ジャワ語, ジョージア(グルジア)語, スウェーデン語, スコットランド ゲール語, スペイン語, スロバキア語, スロベニア語, スワヒリ語, スンダ語, ズールー語, セブアノ語, セルビア語, ソト語, ソマリ語, タイ語, タガログ語, タジク語, タタール語, タミル語, チェコ語, チェワ語, テルグ語, デンマーク語, トルクメン語, トルコ語, ドイツ語, ネパール語, ノルウェー語, ハイチ語, ハウサ語, ハワイ語, ハンガリー語, バスク語, パシュト語, パンジャブ語, ヒンディー語, フィンランド語, フランス語, フリジア語, ブルガリア語, ヘブライ語, ベトナム語, ベラルーシ語, ベンガル語, ペルシャ語, ボスニア語, ポルトガル語, ポーランド語, マオリ語, マケドニア語, マラガシ語, マラヤーラム語, マラーティー語, マルタ語, マレー語, ミャンマー語, モンゴル語, モン語, ヨルバ語, ラオ語, ラテン語, ラトビア語, リトアニア語, ルクセンブルク語, ルーマニア語, ロシア語, 中国語, 日本語, 繁体字中国語, 英語, 言語を検出する, 韓国語, 言語翻訳.

Copyright ©2024 I Love Translation. All reserved.

E-mail: