शोखियों में डूबी ये अदाएं चेहरे से झलकी हुई है ज़ुल्फ़ की घनी घनी घटाएं शाने से ढलकी हुई है लहराता आँचल है जैसे बादल बाहों में भरी है जैसे चाँदनी रूप की चाँदनी मैं अगर कहूँ ये दिलकशी है नहीं कहीं न होगी कभी तारीफ़ ये भी तो सच है कुछ भी नहीं
शोखियों में डूबी ये अदाएं चेहरे से झलकी हुई है ज़ुल्फ़ की घनी घनी घटाएं शाने से ढलकी हुई है लहराता आँचल है जैसे बादल बाहों में भरी है जैसे चाँदनी रूप की चाँदनी मैं अगर कहूँ ये दिलकशी है नहीं कहींこれは今までにはないでしょう 何もないにもこのことを本当に感謝