मेष, मिथुन, आदि विषम राशिर्यो, में राशीश से ७ राशिर्यो के अधिप, और वृष, कर्क आदि सम राशिर्यो में राशि के सप्तमेश से आगे ७ राशिर्यो के अधिप सप्तमांशेश होते हैं। जैसे वषम मेष राशि में ७ सप्तमांश हैं । उनके अधिप मेषादि तुलान्त राशिर्यो के स्वामी ही होंगे किन्तु सम (वृष)राशि में सप्तमांशों के स्वामी, वृष से सप्तम-वृश्चिक से आरग्भ कर वृष तक के राशिर्यो के स्वामी होंगे ।
विषम राशिर्यो में चार, चीर, दधि, आज्य, इच्लरस, मद्य, शुद्धजल, ये और समराशिर्यो में शुद्धजल, मद्य, इच्लरस, आज्य, दधि, चीर, चार(विपरीतक्रम से )सप्तमांशों में नाम हैं ॥
जैसे लग्न =६।१९।२९.३८"है ।