नैनपुर-जबलपुर के बीच छोटी लाइन पर काम शुरू करने के लिए रेलवे 15 महीने के लिए ट्रेन का आना-जाना बंद करेगा। 1 जनवरी 2016 से ट्रेन बंद करने के लिए रेलवे ने मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा है। अनुमति मिलते ही छोटी लाइन ट्रेन का आना-जाना बंद हो जाएगा। इसका सीधा-सा मतलब है कि गोरखपुर से ग्वारीघाट तक छोटी लाइन पर पड़ने वाले 7 फाटक वहां से हर दिन गुजरने वाले कम से कम एक लाख लोगों को नहीं रोक पाएंगे। इन फाटकों के कारण शहर के लोग सालों से परेशान हैं।
यहां-यहां हैं फाटक
गोरखपुर, हाथीताल, एमजीएम स्कूल के समीप, रामपुर चौराहा के समीप, शंकरशाह नगर रोड पर, रेतनाका ग्वारीघाट व ग्वारीघाट चौराहे के समीप।
18 घंटे में 14 बार होते हैं बंद
नागपुर-जबलपुर और बालाघाट-जबलपुर के बीच चलने वाली छोटी लाइन ट्रेनों के कारण ये फाटक दिन में 14 बार बंद होते हैं। सुबह 5 बजे पहली ट्रेन गुजरती है जबकि रात में 11 बजे आखिरी ट्रेन निकलती है। इस दौरान लोगों को परेशान होना पड़ता है।
शिफ्ट होंगे कर्मचारी
छोटीलाइन ट्रेन को संचालित करने हाऊबाग स्टेशन में ही कम से कम 125 कर्मचारी कार्यरत हैं। रेलवे का कहना है कि इन सभी कर्मचारियों को दक्षिण-पूर्व मध्य रेलवे में जहां भी जगह रिक्त होगी वहां इन्हें स्थानांतरित किया जाएगा। यहां पर 47 आवास हैं उन्हें भी खाली कराया जाएगा।
बन सकती है हेरिटेज ट्रेन
पश्चिम विधायक तरुण भनोत का कहना है कि छोटीलाइन ट्रेन को बंद करने की जगह उसे हेरिटेज ट्रेन बनाया जा सकता है। इस ट्रेन को पर्यटकों के लिए ग्वारीघाट से शिकारा तक चलाने वे रेल मंत्रालय को पत्र लिखेंगे। इस बीच ऐसा प्राकृतिक सौंदर्य है जो पर्यटकों को खुद ही आकर्षित करेगा। इससे रेलवे को कमाई भी होगी और जबलपुर में आने वाले पर्यटकों की संख्या भी बढ़ेगी।
ग्वालियर में हुई शुरुआत
छोटीलाइन को हेरिटेज ट्रेन बनाने का काम 2014 में ग्वालियर में हो चुका है। सिंधिया स्टेट के समय से शिवपुरी और ग्वालियर के बीच करीब 100 से चल रही छोटीलाइन को हेरिटेज ट्रेन घोषित हो गई है। 20 लाख रुपए खर्च कर इस ट्रेन के दो कोच पर्यटकों के लिए विशेष तौर बनाए गए हैं।
वर्जन
जबलपुर-नैनपुर और छिंदवाड़ा-नागपुर छोटीलाइन को 15 महीने के लिए ब्लॉक करने मंत्रालय से अनुमति मांगी है। अनुमति मिलने के बाद 1 जनवरी 2016 से इसे बंद कर बड़ी लाइन का काम शुरू कर दिया जाएगा।
-आरके अग्रवाल, सीपीआरओ, एसईसीआर